New Education Policy 2021 – शिक्षा में हुए बडे बदलाव – नई शिक्षा नीति 2020 – New Education Policy 2020, शिक्षा मंत्रालय ने किए बडे बदलाव
New Education Policy 2021 : प्रिय दोस्तो जैंसा कि हम जानते हैं कि बहुत दिनो से नई शिक्षा नीति लागू होने की बात चर्चा में चल रही हैं । जिस पर कल यानि बुधवार को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी हैं। इससे शिक्षा के क्षेंत्र में नए बदलाव देंखने को मिलेंगे। नई शिक्षा नीति के लागू होने से बच्चों को पढाई के साथ – साथ रोजगार की भी शिक्षा प्रदान की जाएगी। जिससे बेरोजगारो की संख्या में कमी आएगी। सरकार ने 2030 तक प्रइमरी से उच्च माध्यमिक तक 100 प्रतिशत व उच्च शिक्षा पर 50 प्रतिशत प्रवेश दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया हैं। इसके साथ ही शिक्षा के खर्च को बढाने (4.43% से 6%)की बात कही गई हैं।
इसके अतिरिक्त ऐसे बहुत से बडे बदलाव हुए हैं जिन्हें हम आपको इस पाेस्ट के माध्यम से बताएगे।
नई शिक्षा नीति 2020
अब स्कूलो व शिक्षा के सभी क्षेंत्रो में नई शिक्षा नीति लागू करने की मंजूरी दे दी गई हैं।

MHRD का नाम बदलकर अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया हैं। इससे पहले शिक्षा नीति 1986 में लागू की गई थी अब 34 वर्ष बाद फिर से नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिली हैं। जिससे शिक्षा के क्षेंत्र में बहुत बडें बदलाव देंखने को मिलेंगे। बच्चों को इसके तहत अब शिक्षा के साथ – साथ रोजगार की भी शिक्षा प्रदान की जाएगी। शिक्षा के स्तर को कई चरणों में बांटा गया हैं। जिसके अनुसार अलग – अलग चरण में अलग -अलग प्रकार की शिक्षा प्रदान की जाएगी।
इस शिक्षा नीति में ऐसे बडे बदलाव किए जाएगे ज्निहें हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताएगे।
New Education Policy 2021
आप इसमें देखेगे कि नई शिक्षा नीति में किस प्रकार होगा स्कूल का सिस्टम और किस प्रकार से विद्याथियों को शिक्षा दी जाएगी।
- अब खत्म होगा 10+2 का नियम और शुरू होगा 5+3+3+4 का सिस्टम :- अब स्कूलो में प्रथम तीन वर्ष प्री – प्राइमरी के होगे
- व दो वर्ष कक्षा पहली व दूसरी को मिलाकर फांउडेशन स्टेज के होगे।
- इन 5 वर्षो के लिए अलग से पाठ्यक्रम तैंयार किया जाएगा। इसके बाद फिर से तीन साल का स्टेज कक्षा 3 से 5वीं तक का होगा।
- इसके बाद तीसरा स्टेज जोकि मिडिल स्टेज होगा व 6से 8वी कक्षा तक का तीन साल का होगा।
- इसके बाद अन्तिम स्कूली स्टेज 4 साल का होगा जोकि कक्षा 9वीं से 12वीं तक का होगा।
- जिसमें विद्यार्थी कक्षा 9वीं से ही अपना विषय चुन सकेगे।
- जिसमें बच्चे पढाई के साथ फैंशन डिजाइनिंग भी सीख सकेगे।
- इससे पहले 11वीं में विषय का चुनाव करते थे
- और नही फैंशन डिजाईन के ऑप्शन थे केवल साइंस व गणित ही चुन सकते थे।
- छठी कक्षा से दी जाएगी रोजगार परक शिक्षा :- अब छठी कक्षा से ही बच्चों को रोजगार की शिक्षा प्रदान की जाएगी।
- ऐसा नई शिक्षा नीति को अन्तिम रूप देने के लिए बनाई गई समिति के नेतृत्वकर्ता कस्तूरीरंगन ने कहा हैं।
- बच्चों को अब स्किल की शिक्षा भी प्रदान की जाएगी।
- बच्चे को व्यवसायिक शिक्षा व कौंशल विकास को बढाने की शिक्षा दी जाएगी।
बोर्ड परीक्षाओं के महत्व को किया जाएगा कम
अब नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड की परिक्षाओं को कम महत्व दिया जाएगा।
परीक्षाओं को दो श्रेंणियों में बांटकर वर्ष में दो परीक्षाए ली जाएगी। एक वस्तुनिष्ठ व दूसरी व्याख्यात्मक। बच्चे बोर्ड कक्षा में अच्छें अंक लाने की होड में रटन्त प्रणाली को उपयोग में लाते हैं जोकि गलत हैं इसे कम करने के लिए परीक्षा के प्रक्टिकल मॉडल को तैयार किया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 3, 5 व 8वीं में भी परीक्षाए होगी। तथा कक्षा 10वीं व 12वीं में बदलाव के अनुसार होगी।
- मातृभाषा में होगी पढाई कक्षा 5वी तक :-
- नई शिक्षा नीति के अनुसार कक्षा 5वीं तक अब शिक्षा मातृभाषा में ही दी जाएगी।
- और जहाँ तक हो सके कक्षा 8वीं तक भी मातृभाषा में शिक्षा देने की कोशिश की जाएगी।
- तीन स्तर पर होगा बच्चों का आकलन : – बच्चों का आकलन कक्षा में तीन स्तर पर होगा
- एक तो स्वयं विद्यार्थी करेगा दूसरा उसका सहपाठी व तीसरा शिक्षक के द्वारा किया जाएगा आकलन।
- इसके साथ ही जो बच्चे पढाई छोंड चुके हैं उनका दोबारा से किया जाएगा नामांकन।
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nadrs