पशु बीमा योजना 2020 – सरकार देगी अनुदान राशि, Animals Insurance scheme 2020, सरकार देगी 70% अनदान
पशु बीमा योजना 2020
किसान खेती के साथ – साथ पशुपालन भी करते है क्योकि खेती से लगातार आय का स्त्रोत नही मिल पाता इसलिए किसान खेती के साथ – साथ पशुपालन भी करता है जिससे उसकी आय बनी रहती है और वह अपना घर खर्च चला सकता है। पशुओं में अधिक दूध के लिए भैंस को रखा जाता है। और अन्य पशुओं में पशुपालक गाय, बकरी, भेड आदि पालते हैं। परन्तु कभी – कभी पशुओं में अनेक प्रकार की बीमारियां हो जाती है जिससे पशुओं की मौत हो जाती है। कई बार प्राकृतिक आपदा के कारण भी पशुओं की मौत हो जाती है जिससे पशुपालक को भारी नुकसान उठाना पडता है। इसलिए सरकार ने पशु बीमा योजना की शुरूआत की है ताकि पशुपालको को कुछ प्रतिशत तक लाभ दिया जा सके।
Animals Insurance scheme 2020
पशु बीमा योजना देश के सभी राज्यों में चलाई जा रही है।

इस योजना का लाभ अलग – अलग जाति व अलग – अलग पशुओं के आधार पर दिया जाता है। ऐसी ही योजना मध्यप्रदेश में अपने राज्य के पशुपालको के लिए चलाई जा रही है। जिसके तहत पशुपालको को पशु बीमा पर बीमा प्रीमियम अनुदान राशि दी जा रही है। इस तरह से पशुपालको को कम खर्च पर ही अपने पशुओं की सुरक्षा मिल जाती है। इसमें हम पशु बीमा योजना के तहत प्रीमियम पर दी जाने वाली अनुदान राशि के बारे में जानेंंगे कि किस जाति व पशु पर कितनी अनुदान राशि दी जाएगी। हम पशु बीमा पर दी जाने वाली अनुदान राशि के बारे में जानेगे।
पशुधन बीमा योजना पर दी जाने वाली अनुदान राशि
मध्यप्रदेश सरकार राज्य के पशुपालकों जिन्होने पशुओ का बीमा करवा रखा है उन्हे बीमा प्रीमियम पर अनुदान दे रही है। इस पशुधन बीमा योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार एपीएल श्रेणी के पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान तथा बीपीएल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के पशुपालकों को इसके तहत 70 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। बीमा प्रीमियम की अधिकतम दर एक साल के लिए 3% तथा तीन वर्ष के लिए 7.50% देनी होगी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में 2.45% तथा 5.95% निर्धारित की गई है। इस योजना के तहत पशुपालक अपने पशु का बीमा एक वर्ष या अधिकतम तीन वर्ष तक के लिए करा सकते है।
पशु की मृत्यु होने पर 24 घंटे में दे सूचना
पशुपालक को अपने बीमा किए पशु की मृत्यु हो जाने पर बीमा कंपनी को 24 घंटे के भीतर सूचना देना जरूरी हैं। पशु बीमा योजना के तहत बीमित पशु की मृत्यु होने पर 24 घंटे के अन्दर बीमा कंपनी को सूचना देना अनिवार्य है, अन्यथा इसके बाद बीमा राशि नही मिलेगी। पशु की मृत्यु होने पर पशुपालन विभाग के चिकित्सक मृत पशु का परिक्षण करेंगे। चिकित्सक पशु की मृत्यु का कारण रिपोर्ट में दर्ज करेंगे। इसके बाद पशु बीमा कंपनी को चिकित्सा अधिकारी बीमा दावे प्रपत्र को एक माह के अन्दर प्रस्तुत करना होगा। बीमा कंपनी 15 दिन के भीतर दावें का निराकरण करेगी।
पशु बीमा योजना के उद्देश्य
इस योजना के अनेक उद्देश्य हैं जिसके लिए इस योजना को शुरू किया गया हैं।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब पशुपालको को उनके पशुओं का बीमा कर आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- पशुपालक के पशु की मृत्यु हो जाने पर उसे उसका मुआवजा दिया जाता हैं।
- गरीब व्यक्ति पशु की मृत्यु होने पर आर्थिक रूप से कमजोर हो जाता हैं व नया पशु नही ले सकता।
- इसलिए इस योजना के माध्यम से उन पशुपालको को नया पशु लाने के लिए आर्थिक सहायता मिल जाती हैं।
- पशुपालक खेती के साथ – साथ पशु भी रखते हैं, जिससे वो अपनी आय को दुगुनी कर सके।